जन सुराज के पदयात्रा जिला अधिवेशन से पूर्व प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान – कल पश्चिम चंपारण की जनता बताएगी कि दल बनना चाहिए अथवा नहीं।

बिकास पाण्डेय

पश्चिम चम्पारण :- जन सुराज पदयात्रा के 42वें दिन पदयात्रा जिला अधिवेशन की पूर्व संध्या पर प्रशांत किशोर ने बेतिया स्थित महारानी जानकी कुंवर कॉलेज पदयात्रा शिविर में मीडिया से बात की। पश्चिम चंपारण में प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 500 किमी से अधिक चलकर 300 से अधिक गांवों में गए हैं। आगे प्रशांत किशोर ने बताया कि इन पूरे 42 दिनों में 1 दिन भी गाड़ी पर नहीं बैठे हैं। जितनी ईमानदारी और शुद्धता से पदयात्रा कर सकते हैं, उससे अधिक करने का प्रयास कर रहे हैं। इससे जो भी परिणाम निकल कर आएगा, और समाज इस पर कितना चलने के लिए तैयार है यह सब आपके सामने होगा।


आगामी जन सुराज पदयात्रा के पहले अधिवेशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर लोग मिलकर तय करते हैं कि दल बनाया जाना चाहिए, तो दल बनाया जाएगा। कल अधिवेशन में लोकतांत्रिक तरीके से पहली वोटिंग होगी, जो लोग जनसुराज पदयात्रा से जुड़े हैं, उन सभी को इसमें बुलाया गया है। कल आने वाले सदस्यों से यह पूछा जाएगा कि जन सुराज को दल में परिवर्तित किया जाना चाहिए या नहीं। हम कल केवल पश्चिमी चंपारण की जनता से उनके सुझाव लेंगे, ऐसी प्रक्रिया हम पदयात्रा करते हुए सभी जिलों में करेंगे। जब लगभग आधे से ज्यादा राज्य पूरे हो जाएंगे और जब यह सुनिश्चित हो जाएगा की एक बड़ी संख्या में लोग विकल्प चाहते हैं, तब उन सब को राज्य स्तर पर बिठाया जाएगा और यह तय किया जाएगा कि दल बनना है या नहीं। अगर जनसुराज की परिकल्पना भविष्य में दल में परिवर्तित होती है तो 10 प्रतिशत टिकट, पंचायती राज से जुड़े हुए लोगों को निश्चित तौर पर दिया जाएगा।लालू के जंगलराज के खिलाफ कुछ लोग बीजेपी को वोट देते हैं और भाजपा सत्ता में नहीं आए इसलिए कुछ लोग लालू को वोट देते हैं: प्रशांत किशोर।जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने बताया कि पूरे बिहार में एक बड़ी संख्या भाजपा को सिर्फ इसलिए वोट कर है क्योंकि वह लालू के जंगल राज को वापस देखना नहीं चाहती। दूसरी तरफ एक बड़ी संख्या ऐसी भी है जो लालू जी को इसलिए वोट कर रहा है क्योंकि वह भाजपा को वोट नहीं कर सकता। जनता की इस मजबूरी का दलों के द्वारा फायदा उठाया जा रहा है। आप उदाहरण के तौर पर देख लीजिए चंपारण में पिछले 30 सालों से भाजपा जीत रही है, और फिर भी यहां इतनी समस्याओं पर हम बैठकर चर्चा कर रहे हैं। इसलिए हमारा प्रयास है की जनता इस द्वंदात्मकता में न फंसकर एक नया विकल्प बनाया जायें।

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