फर्जी डीटीओ व पुलिस बनकर लूट पाट करने वाला चार अपराधी गिरफ्तार,डीएसपी सतीश सुमन ने किया बड़ा खुलासा।
ब्यूरो बिकास पांडेय
जमुई (बिहार) मजदूर को अगवा कर 89 हजार लूट पाट मामले में पुलिस ने चार अपराधी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया है।इसके साथ ही अपराधियों के पास से एक देशी कट्टा 3 कारतूस 2 बड़ा और 2 छोटा मोबाइल के साथ 10 हजार पांच सौ रुपए भी बरामद किया गया है।गिरफ्तार अपरधियों के द्वारा बीते सप्ताह दिल्ली से मजदूरी कर आ रहे एक मजदूर को अगवा कर 89 हजार रुपए लुट लिया गया था।
इस आशय को लेकर पीड़ित ने थाना में प्राथमिक के दर्ज कराई थी। प्राथमिक के दर्ज होने के बाद पुलिस सभी अपराधियों को गिरफ्तार करने में जुट गई थी।गिरफ्तार अपराधियों की पहचान नालंदा जिले के नुरसराय थाना क्षेत्र बेलसर गांव निवासी सुबोध पासवान पिता बृजनंदन पासवान,जिले के ही रोह थाना क्षेत्र के तूफांगनज निवासी मुख्य सरगना गोपाल पासवान पिता कृष्णा पासवान एवं रामानंद पासवान पिता जमुना पासवान,हरनोत थाना क्षेत्र चेरो गांव निवासी धर्मेंद्र पासवान पिता श्रवण पासवान के रूप में की गई है।
मामले को लेकर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया की बरहट थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति दिल्ली से बीते माह 27 जून को पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन से जमुई मलयपुर स्टेशन उतरे थे।गिरफ्तार अपराधियों के द्वारा उक्त व्यक्ति से कहा था कि मुझे भी आपके तरफ बरहट इलाके ही जाना है।उसे अपनी बातों के सांझा में आकर उसे गाड़ी में बिठाया गया।कुछ दूर चलने के बाद उस उक्त व्यक्ति को बरहट और मलयपुर थाना क्षेत्र के बॉर्डर के पास लूट पाट कर लिया गया। उसका एटीएम कार्ड मोबाइल और पैसे छीन लिए और उसके एटीएम कार्ड से 85 हजार पांच सौ रुपए की निकासी भी कर ली गई। उन्होंने बताया कि यह मामला पूरी तरीके से बलाइंड था।
इसमें किसी भी तरीके का कोई भी सबूत हम लोगों के पास नहीं था। इस मामले के उद्वेदन को लेकर पुलिस अधीक्षक डॉ शोर्य सुमन के द्वारा एक पुलिस टीम का गठन किया गया। पुलिस ने बताया कि इस मामले में एक विशेष अनुसंधान दल का गठन किया गया। इस अनुसंधान की शुरुआत में मलयपुर स्टेशन पर लगे सीसीटीवी और उसके आस पास के सीसीटीवी को खंगाला शुरू किया। उसके आधार पर कुछ संदिग्ध लोगों की एक सूची बनाई। इसके आलावा पड़ोसी जिले शेखपुरा, लखीसराय,देवघर से संपर्क कर इस तरह के समान अपराध शैली में कार्य करने वाले गिरोह के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान 10 से 12 लोगों पर पुलिस ने अनुसंधान करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि कुछ लोग जिले के एक होटल में छिपे हुए है। जो दूसरी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। जिसके बाद पुलिस सूचना के आधार पर चार अपराधी को गिरफ्तार किया। पुछताछ के दौरान उन्होंने ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों के द्वारा फर्जी परिवहन पदाधिकारी और पुलिस बनकर घटना को अंजाम देते थे। भोले भाले नागरिक को किसी न किसी बहाने में फसाते और भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर ले जाकर घटना को अंजाम देते थे।उन्होंने बताया की इस ग्रुप में 03 और अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है।मौके पर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विकास कुमार एसआई महेश सिंह, अनुपम कुमार मैजुद थे।